Thursday, September 21, 2023

"दुआएं मन्नते रोशन दीया कबूल करें" | हिंदी शायरी (जम्मुल काज़मी)

 


दुआएं मन्नते रोशन दीया कबूल करें,
वो आए मेरे और अश्क-ए-वफा कबूल करें,
वो आईने से अगर मुतमईन नहीं है तो फिर,
हमारी आंखें बतौर आईना कबूल करे। 

~जम्मुल काज़मी~


No comments:

Post a Comment

"दुआएं मन्नते रोशन दीया कबूल करें" | हिंदी शायरी (जम्मुल काज़मी)

  दुआएं मन्नते रोशन दीया कबूल करें, वो आए मेरे और अश्क-ए-वफा कबूल करें, वो आईने से अगर मुतमईन नहीं है तो फिर, हमारी आंखें बतौर आईना कबूल करे...