Monday, September 18, 2023

"मैं शायर नही हूं" | हिंदी शायरी (प्रज्ज्वलित यादव)


मैं शायर नही हूं, 
क्यों मैं शायरी कर रहा हूं।

मुश्किल है, तुझे एक साथ लिखना, 
तभी तो टुकड़ों में लिख रहा हूं।

जो गिरे है आंसू लिखते - लिखते, 
उन्हीं से मैं  'तनहा' लिख रहा हूं।

एक - एक घावों को तेरे, 
अपने शब्दों से सिल रहा हूं।

लगता है धीरे - धीरे, अब 
मैं भी शायर बन रहा हूं।

मैं शायर नही हूं, 
क्यों......................

~प्रज्ज्वलित यादव~
 

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