Thursday, September 21, 2023
"दुआएं मन्नते रोशन दीया कबूल करें" | हिंदी शायरी (जम्मुल काज़मी)
Tuesday, September 19, 2023
"भूले है तुम्हे बड़ी शिद्दतो से" | हिंदी शायरी (प्रज्ज्वलित यादव)
~प्रज्ज्वलित यादव~
Monday, September 18, 2023
"मैं शायर नही हूं" | हिंदी शायरी (प्रज्ज्वलित यादव)
~प्रज्ज्वलित यादव~
"एक चेहरे से उतरती हैं रोज नक़ाबे कितनी" | हिंदी शायरी
"ये शराब का नशा तो उतार जायेगा" | हिंदी शायरी (नमन)
"रबते भी रखता हूं, रास्ते भी रखता हूं" | हिंदी शायरी
"तेरे बदन की खुशबू में मिलावट है किसी की" | हिंदी शायरी (प्रज्ज्वलित यादव)
तेरे बदन की खुशबू में मिलावट है किसी की,
तुझे बेहकाना हर किसी का काम नहीं लगता।
हम तो आपने आप में ही मरीज-ए-इश्क है,
जा ये बेवफाई का इल्ज़ाम भी तेरे सर नहीं लगता।
अब क्यों सता रहा है ये गम हमे,
इस गम को एक बीमार बीमार नहीं लगता।
रातों को जागे है और दिन में सोये बहुत,
अब हमे सूरज सूरज और चांद चांद नहीं लगता।
हम दोनों के दरमिया में दूरी बहुत है,
पर हमे ये फासला कुछ ख़ास नहीं लगता।
हम करते रहेंगे तेरे लोट आने का इंतज़ार,
अब तेरा इंतजार भी इंतजार नहीं लगता।
•प्रज्ज्वलित यादव•
Sunday, September 17, 2023
"बुरा हो वक्त तो सब आजमाने लगते हैं" | हिंदी शायरी (मालिकज़ादा जावेद)
की मरीज हमको दवाएं बताने लगते हैं,
बुरा हो वक्त तो सब आजमाने लगते हैं,
खुदा बुजुर्गों को ताउम्र खुद कफी रखें,
वगरना खून के रिश्ते रुलाने लगे हैं,
अजीब दौर है गुरबत की सर बुलंदी का,
पढ़ाई छोड़ के बच्चे कमाने लगते हैं,
नए अमीरों के घर भूल कर भी मत जाना,
हर एक चीज की कीमत बताने लगते हैं।
"दुआएं मन्नते रोशन दीया कबूल करें" | हिंदी शायरी (जम्मुल काज़मी)
दुआएं मन्नते रोशन दीया कबूल करें, वो आए मेरे और अश्क-ए-वफा कबूल करें, वो आईने से अगर मुतमईन नहीं है तो फिर, हमारी आंखें बतौर आईना कबूल करे...

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राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 74वां संविधान संशोधन 1992 के समय प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हाराव तथा राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा थे। ये संविध...
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मैं शायर नही हूं, क्यों मैं शायरी कर रहा हूं। मुश्किल है, तुझे एक साथ लिखना, तभी तो टुकड़ों में लिख रहा हूं। जो गिरे है आंसू लिखते - लिखते...
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भूले है तुम्हे बड़ी शिद्दतो से, याद नहीं आई हों कई मुद्दतो से। अब नहीं निकलते तुम्हारी घर की सड़क से, हम तो गुजरते है अपनी ही रह'गुजर...